भोपाल में भिखारी पर FIR से नाराजगी, गरीबों के प्रति सख्ती पर सवाल

भोपाल में भिखारी पर पहली बार FIR, भिखारीमुक्त शहर की कवायद पर जनता नाराज

मुख्य बिंदु:

  • भोपाल में पहली बार एक भिखारी पर FIR दर्ज की गई।
  • इंदौर में 1 जनवरी से भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लागू।
  • सरकार के इस कदम पर जनता में नाराजगी।

भोपाल में भिखारी पर FIR दर्ज, क्या है पूरा मामला?

मध्यप्रदेश सरकार लंबे समय से राज्य के बड़े शहरों को भिखारीमुक्त बनाने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में, इंदौर में 1 जनवरी 2025 से भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लागू किया गया। अब भोपाल में भी इस दिशा में कार्रवाई शुरू हो गई है। पहली बार, एक भिखारी पर FIR दर्ज की गई है, जिसने भीख न मिलने पर एक व्यक्ति से झगड़ा किया था।

क्या हुआ था विवाद?

भोपाल के एमपी नगर इलाके में एक व्यक्ति ने भिखारी को भीख देने से मना किया और उससे काम करने की सलाह दी। इस पर भिखारी ने गलत व्यवहार किया और झगड़ा करने लगा। इसके बाद व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर FIR हुई।

जनता की प्रतिक्रिया – अस्थाई सुधार या असंवेदनशील कदम?

इंदौर के बाद भोपाल में भी इस कानून को लागू करने की चर्चा है। जब स्थानीय नागरिकों से उनकी राय ली गई, तो उन्होंने इस फैसले पर असहमति जताई। लोगों का कहना है कि सरकार यह कदम सिर्फ शहर की सुंदरता (अस्थेटिक्स) सुधारने के लिए उठा रही है, जबकि असल समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है।

सरकार भिखारियों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठा रही है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। क्या केवल जुर्माने और FIR से समस्या हल होगी, या इसके लिए कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा? इस पर आम जनता और सामाजिक संगठनों की नजरें टिकी हुई हैं।

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