मध्यप्रदेश में मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी पर बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश में मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। लव जिहाद करार दी जा रही यह शादी अब संभव नहीं हो सकेगी। बहुचर्चित अंकिता राठौर-हसनैन अंसारी मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जबलपुर के अपर कलेक्टर और विवाह अधिकारी की अदालत ने उनकी शादी का आवेदन खारिज कर दिया है। इसके पीछे वजह यह बताई गई है कि हसनैन ने जो पता दिया था, वहां वह वास्तव में रहता ही नहीं है।
हाईकोर्ट से मिली थी शादी की अनुमति
अंकिता और हसनैन की शादी का प्रदेशभर में विरोध हो रहा था। हिंदू संगठनों ने इसे लव जिहाद बताते हुए अंकिता को उसके माता-पिता के सुपुर्द करने की मांग की थी। इस विरोध और उत्पीड़न से परेशान होकर अंकिता और हसनैन ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत उनकी शादी को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी।
अपर कलेक्टर ने किया शादी का आवेदन खारिज
अब इस केस में नया मोड़ आ गया है। जबलपुर के अपर कलेक्टर और विवाह अधिकारी की अदालत ने शादी का आवेदन खारिज कर दिया है। इसकी वजह यह बताई गई है कि हसनैन अंसारी ने आवेदन में जो पता दर्ज कराया था, वह 10 साल पुराना था और वहां वह अब नहीं रहता। स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धारा 5 के तहत यह निर्णय लिया गया, क्योंकि विवाह के लिए सही पता और आवश्यक दस्तावेज सत्यापित होने जरूरी होते हैं।
7 अक्टूबर 2023 को किया था शादी का आवेदन
अंकिता राठौर (इंदौर) और हसनैन अंसारी (सिहोरा, जबलपुर) ने 7 अक्टूबर 2023 को शादी के लिए आवेदन दिया था। हालांकि, इस शादी को लेकर विवाद बढ़ता गया और हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते मामला कोर्ट तक पहुंच गया। अब जबलपुर के विवाह अधिकारी की अदालत ने शादी का आवेदन ही खारिज कर दिया है, जिससे यह शादी अब संभव नहीं हो सकेगी।