मध्यप्रदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति: विशेष परिस्थितियों में ही होगा ट्रांसफर, जानें नए नियम

मध्यप्रदेश में नई तबादला नीति लागू: विशेष परिस्थितियों में ही होंगे सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर

मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर नई तबादला नीति 2025 जारी की है। इस नीति के तहत अब विभागीय मंत्री अपने विभाग के जरूरतमंद अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर कर सकेंगे, लेकिन केवल विशेष परिस्थितियों में ही। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सामान्य तौर पर तबादलों पर प्रतिबंध जारी रहेगा, और केवल अपवाद स्वरूप मामलों में ही स्थानांतरण संभव होगा।

नई तबादला नीति के मुख्य प्रावधान

मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे द्वारा जारी इस नई नीति के तहत निम्नलिखित परिस्थितियों में ट्रांसफर आदेश जारी किए जा सकेंगे:

1. पद रिक्त होने की स्थिति में

यदि किसी कर्मचारी का निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य, अनिवार्य या स्वैच्छिक), पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति से वापसी या निधन होता है, तो उनके स्थान को भरने के लिए स्थानांतरण किया जा सकता है। लेकिन इस दौरान सरकार लोकहित को प्राथमिकता देगी।

2. गंभीर बीमारियों की स्थिति में

यदि कोई कर्मचारी कैंसर, लकवा, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित है और उसके तत्काल ट्रांसफर की जरूरत है, तो उसका तबादला किया जा सकता है।

3. कोर्ट के आदेशानुसार तबादला

यदि किसी न्यायालय के फैसले के तहत ट्रांसफर किया जाना आवश्यक हो और उसके अनुपालन के अलावा कोई अन्य कानूनी विकल्प न हो, तो तबादला किया जा सकेगा। हालांकि, जिस स्थान पर कर्मचारी का ट्रांसफर किया जा रहा है, वहां उसके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित नहीं होनी चाहिए।

4. अनुशासनात्मक कार्रवाई या भ्रष्टाचार के मामलों में तबादला

यदि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ गंभीर लापरवाही या अनुशासनहीनता की शिकायत है, और मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत उसके विरुद्ध कार्रवाई शुरू हो चुकी है, तो उसे ट्रांसफर किया जा सकता है।

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इसी तरह, लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) या पुलिस द्वारा किसी कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने या कोर्ट में अभियोजन की कार्रवाई शुरू होने की स्थिति में भी जांच को प्रभावित होने से बचाने के लिए उसका तबादला किया जा सकता है।

विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही होंगे ट्रांसफर

नई नीति के तहत अब किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर केवल विभागीय मंत्री के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद ही किया जा सकेगा। इसके अलावा, जो पद स्थानांतरण के कारण खाली होंगे, उन्हें तबादला नीति के प्रतिबंध के तहत भरा नहीं जाएगा।

तबादला नीति का उद्देश्य

सरकार का कहना है कि इस नई नीति का उद्देश्य अनावश्यक स्थानांतरण को रोकना और सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाना है। केवल उन्हीं कर्मचारियों का ट्रांसफर होगा, जिनके लिए यह वास्तव में आवश्यक है, ताकि प्रशासनिक कामकाज में अनावश्यक बाधाएं न आएं।

मध्यप्रदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश सरकार की नई तबादला नीति 2025 कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। यह नीति यह सुनिश्चित करेगी कि स्थानांतरण केवल वास्तविक और आवश्यक कारणों से ही हों, जिससे सरकारी सेवाओं की दक्षता बनी रहे।

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