महिला की नाक और जीभ काटने वाले 12 दोषियों को 10-10 साल की सजा

पोकरण, जैसलमेर: जैसलमेर जिले के पोकरण एडीजे कोर्ट ने महिला की नाक और जीभ काटने के मामले में चार साल बाद फैसला सुनाया है। अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी मानते हुए प्रत्येक को 10-10 साल के कठोर कारावास और 14-14 हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा दी है।

सजा सुनाए जाने के बाद भी आरोपी बेखौफ दिखे। पुलिस के साथ तस्वीरों में वे हंसते हुए नजर आए, जबकि एक आरोपी ने विक्ट्री का साइन भी दिखाया।

महिला पर दूसरी शादी का दबाव

यह मामला 17 नवंबर 2020 का है। सांकड़ा निवासी बशीर खान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया कि उसकी बहन गुड्डी की शादी 2014 में कोजे खान से हुई थी। लेकिन शादी के एक साल बाद 2015 में उसके पति की मृत्यु हो गई। इसके बाद ससुराल वाले जबरन उसकी दूसरी शादी करवाना चाहते थे।

गुड्डी के चाचा ससुर जानू खान उसकी शादी देवर दुल्ले खान से करवाने का दबाव बना रहे थे। लेकिन दुल्ले खान पहले से शादीशुदा था, इसलिए महिला ने इनकार कर दिया। महिला का विरोध उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ, और उन्होंने उस पर हमला कर दिया।

नाक और जीभ तलवार से काटी

ससुराल में प्रताड़ना से तंग आकर गुड्डी अपने पीहर सांकड़ा आ गई थी। लेकिन 17 नवंबर 2020 को ससुराल पक्ष के 12 लोग लाठियों, तलवारों और सरियों के साथ वहां पहुंचे और महिला पर हमला कर दिया। उन्होंने उसकी नाक और जीभ तलवार से काट दी।

12 आरोपी दोषी करार

कोर्ट ने निम्नलिखित 12 आरोपियों को दोषी ठहराया:

  1. जानू खान पुत्र दीनू खान (चाचा ससुर)
  2. नवाब खान पुत्र दीनू खान (चाचा ससुर)
  3. अनवर खान पुत्र जानू खान (देवर)
  4. दुल्ले खान पुत्र हासम खान (देवर)
  5. इकबाल खान पुत्र हासम खान (देवर)
  6. फारुख खान पुत्र आंबे खान (देवर)
  7. लद्दू खान पुत्र जानू खान (देवर)
  8. नेमतें खान पुत्र दीनू खान (चाचा ससुर)
  9. मनु खान पुत्र जानू खान (देवर)
  10. हाशम खान पुत्र दीनू खान (ससुर)
  11. सलीम खान पुत्र जानू खान (देवर)
  12. आंबे खान पुत्र दीनू खान (चाचा ससुर)
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न्यायालय का फैसला

चार साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद पोकरण एडीजे कोर्ट ने सभी 12 दोषियों को 10-10 साल की कठोर कैद और 14-14 हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। हालांकि, सजा मिलने के बावजूद आरोपी बेखौफ दिखे और हंसते हुए नजर आए।

न्याय की उम्मीद

इस अमानवीय घटना ने समाज में गहरे सवाल खड़े किए हैं। पीड़िता को न्याय तो मिला, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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